मंगलवार, 4 अप्रैल 2017

क्या Uc News आपके कंटेंट की Quality निचले स्तर की बता रहा है?

क्‍या Uc News आपके कंटेंट की Quality निचले स्‍तर की बता रहा है?

क्‍या Uc News आपके कंटेंट की Quality निचले स्‍तर की बता रहा है? क्‍या कंटेंट की Quality निचले स्‍तर की बताकर Uc News आपकी Income 15 से 20 पर समेट दे रहा है।
तो ब्‍लागर्स को अब सावधान हो जाने की जरूरत है। क्‍योंकि ऐसा करके Uc News आपकी असली Income छिपा कर आपको पूरी तरह से Fake Income दे रहा है।
जोश में Uc News से जुड़ने वाले ब्‍लागर्स को अभी शायद इस बात का अंदाजा भी नहीं है कि Uc News आपको कितना बड़ा धोखा दे रहा है।

ब्‍लागर्स बिना कुछ सोचे समझें धड़ाधड़ Uc News join किये चले जा रहे हैं। Uc News पर अच्‍छे ब्‍लागर्स की स्थिति बहुत खराब है।
Uc News अच्‍छा काम करने वाले ब्‍लागर्स से उच्‍च गुणवत्‍ता युक्‍त कंटेंट लिखवा रहा है और फिर बाद में कंटेंट की Quality घटिया बता कर 10 से 20 डॉलर थमा कर टरका रहा है।
बेचारे ब्‍लागर यह देख कर खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। आखिर इस आंखों के सामने इस प्रकार का धोखा हो कैसे रहा है? इस बारे में थोड़ा विचार करने की आवश्‍यक्‍ता है।

ब्‍लागर्स के साथ कैसे हो रहा है इस प्रकार का धोखा?

जैसा कि Uc News से जुड़े ब्‍लागर्स और बहुत सी वेबसाइट के मालिक जानते हैं कि Uc News पर सारा काम उससे जुड़े कर्मचारियों के द्धारा किया जाता है।
Uc News पर ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे पारदर्शी कहा जाए और ईमानदारी तो दूर दूर तक दिखाई नहीं पड़ती। वेबसाइटस के मालिकों को केवल शुरूआती 2 महीने ही आकर्षक Income प्रदान की जाती है। ताकि ब्‍लागर्स और वेबसाइटस के मालिक Uc News के जाल में फंस कर बंधुआ मजदूर बन जाएं।
इसके बाद Uc News उन ब्‍लागर्स के साथ जैसा सुलूक और शोषण करता है, उसे देखकर गुलामी की जंजीरों में बंधें होने का असली अहसास होता है।
Copywrite, Copyright, Copycat कंटेंट के आरोप अच्‍छे और विश्‍वसनीय ब्‍लागर्स पर भी लगाए जा रहे हैं। जिससे ब्‍लागिंग जगत में उनकी साख पर भी बटटा लग रहा है।
जबकि Uc News से जुड़े कर्मचारियों और अधिकारियों को यह मालूम ही नहीं है कि Copywrite, Copyright, Copycat कंटेंट क्‍या होता है?

इस दुनिया में पैदा हुआ हर व्‍यक्ति लिखने के लिए स्‍वतंत्र है। भले ही किसी विषय या जानकारी पर पहले ही कुछ क्‍यों न लिखा गया हो।
लिखने वाला कोई भी व्‍यक्ति यदि किसी घटना, जानकारी अथवा विषय पर कुछ अपने तरीके, अपनी सोच और अपनी शैली में लिखता है, तो वह उसका कंटेंट माना जाता है।
तो फिर Uc News भारत के टॉप क्‍लास ब्‍लागर्स और साइट ऑनर्स को अच्‍छे और बुरे कंटेंट का कौन सा पाठ पढ़ा रहा है? वास्‍तविकता यह है कि Uc News अच्‍छी तरह से जानता है कि ब्‍लागर्स का उसके साथ जुड़ना मजबूरी है। इसलिए वह पहले ब्‍लागर्स को अपने जाल में फंसा रहा है और फिर बाद में 500 से 600 रूपए देकर उन्‍हें उनकी हैसियत बता रहा है।
ज्‍यादा पढ़े लिखे लोगों की यह विशेषता होती है कि वह शोषण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करना जरूरी नहीं समझते हैं। इसी बात का फाएदा Uc News जैसे संस्‍थान और कंपनियां उठाते हैं।

ब्‍लागर्स को हर महीने चार – पांच हजार रूपए देकर Uc News आपके दिए हुए कंटेंट की बदौलत लाखों क्‍या करोड़ों रूपए कमा रहा है। So Be Alert :

जिन कंटेंट की क्‍वालिटी घटिया बता कर Uc News आपको पांच छह सौ रूपए वीकली देकर टरका रहा है, उसी कंटेंट की बदौलत वह लाखों क्‍या करोड़ों रूपए कमा कर तिजौरी में भर रहा है।
देखने में आ रहा है कि ब्‍लागर्स परेशान होकर एक दूसरे से ऑन लाइन सवाल जवाब कर रहे हैं। जिससे Uc News की बदनामी तो हो रही है। साथ ही विज्ञापन दाताओं पर भी बुरा असर पड़ रहा है।
लेकिन खुद ज्‍यादा पैसा कमाने और ब्‍लागर्स को कुछ न देने की रणनीति पर अमल कर रहे Uc News को इस बात की तनिक भी चिंता नहीं है। Uc News India ki Team अलीबाबा, यूसी ब्राऊज़र, यूसी यूनियन सभी की साख पर बटटा लगाने की दिशा की ओर बढ़ रही है।

2 टिप्‍पणियां:

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